छम छम बाजे रे पायलिया
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राह चलत लचके पन्हारी
छलकत जात गागरिया
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छम छम बाजे रे पायलिया
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गोरे बदान पर भीगी सारी
और लगे अति सुंदर नारी
मोती बन बन टपके पानी
भीगत जात डगरिया
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छम छम बाजे रे पायलिया
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मुखरे पर आचँल मलमल का
जैसे खिलता फूल कमल का
आयी न जाने कौन नगर से
जाए कौन नगरिया
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छम छम बाजे रे पायलिया
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चंद्रमुखी जब लट बेखरायेह
जग सारा ये धोखा खाए
कोई कहे लो सावान आया
आए कारी बदरिया
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छम छम बाजे रे पायलिया
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